निबंध लिखने का तरीका | Tips To Write Essay In Hindi
‘निबंध’ शब्द का अर्थ है, ‘नि + बंध’ अर्थात् जब किसी विचार या भाव को नियोजित ढंग से बाँधकर लिखते हैं अर्थात् किसी विषय या वस्तु का वर्णन ठीक ढंग से क्रमानुसार वाक्य रचना में करते हैं तो वह निबंध कहलाता है। सुंदर और क्रमबद्ध बाक्यों से बने अनुच्छेदों को जब किसी विषय पर विचारपूर्वक लिखते हैं तो वह निबंध कहलाता है।

निबंध लिखते समय निम्नलिखित बातें याद रखनी चाहिएँ :
1. पहले विषय के सभी पक्षों पर विचार करना चाहिए।
2. विषय के बिंदु सोच लेने चाहिएँ।
3. अनुच्छेदों में निबंध लिखा जाना चाहिए।
4. भाषा, सरल, स्पष्ट और विषय को समझाने वाली हो।
5. विचारों में क्रमबद्धता और रोचकता हो।
6. व्यर्थ की बातें न होकर भाषा/विचार क्रमानुसार हों।
7. शब्द तथा वाक्यों का प्रयोग व्याकरण के नियमानुसार हो।
8. भाव को भली-भाँति स्पष्ट करने के लिए मुहावरे और लोकक्तियों का प्रयोग हो।
निबंध के अंग
निबंध के कलेवर को तीन भागों में बाँट जा सकता है :
1. भूमिका अथवा प्रस्तावना – इसे निबंध का प्रथम द्वार भी कह सकते हैं। इसमें विषय का परिचय आकर्षक ढंग से देना चाहिए जिससे पाठक की निबंध के प्रति जिज्ञासा उत्पन्न हो। विषय से संबंधित किसी उक्ति अथवा परिभाषा से भी निबंध शुरु किया जा सकता है।
2. विषय-विवेचन – यह निबंध का मुख्य भाग होता है। इसमें निबंध के विषय का भली प्रकार प्रतिपादन किया जाता है। जो विचार भूमिका अथवा प्रस्तावना में सूक्ष्म रूप से दर्शाए जाते हैं, उनका विस्तार निबंध के इस भाग में होता है। यहाँ बात को तार्किक रीति से कहा जाना चाहिए। इस भाग में विचारों की क्रमबद्धता का ध्यान रखना भी आवश्यक होता है क्योंकि यह भाग प्रस्तावना तथा उपसंहार को मिलाने वाला होता है। इसमें न तो विषय से संबंधित महत्त्वपूर्ण तथ्य छूटने चाहिए और न ही अनावश्यक सामग्री का समावेश किया जाना चाहिए।
3. उपसंहार – यह निबंध का अंतिम भाग होता है। इसके अंतर्गत निबंध की समाप्ति विषय-वस्तु का सारांश देकर की जाती है। जिस प्रकार निबंध की भूमिका या प्रस्तावना आकर्षक व रुचिकर होने पर पाठक को निबंध पढ़ने हेतु बाध्य करती है, उसी प्रकार निबंध का आकर्षक अंत पाठक के हृदय पर अमिट छाप छोड़ता है। उपसंहार भी निबंध का आवश्यक अंग है तथा इसे भी उतनी भी बुद्धिमत्ता से लिखा जाना चाहिए, जितने कि पूर्वोक्त दो भाग।
निबंध के प्रकार
विषय वस्तु के वर्णन की दृष्टि से निबंध के चार प्रकार हैं :
1. वर्णनात्मक निबंध
2. विवरणात्मक निबंध
3. विचारात्मक निबंध
4. भावात्मक निबंध
1. वर्णनात्मक निबंध :
अपनी आँखों से देखकर जब किसी दृश्य, वस्तु या स्थान का वर्णन किया जाता हे तो उसे वर्णनात्मक शैली का निबंध मानते हैं। जैसे – गाय, पर्वत, नदी, दृश्य, ताजमहल, विद्यालय, ऐतिहासिक स्थान (किला, महल), पक्षी, पौधे, गाँव, रेल, हवाई जहाज आदि।
2. विवरणात्मक निबंध :
क्रमश: किसी वस्तु का वर्णन करना अर्थात् उसके एक-एक अंग का चित्रण करना ही विवरणात्मक शैली का निबंध होता है। किसी युद्ध, घटना, ऐतिहासिक प्रसंग, आत्मकथा, चरित्र-चित्रण, यात्राएँ आदि।
3. विचारात्मक निबंध :
किसी विषय को लेकर उस पर अपने विचार, चिंतन तथा अपनी दृष्टि के बारे में प्रमाण, तर्क देकर विषय के स्वरूप, महत्व हानि-लाभ का वर्णन करना ही विचारात्मक होता है।
4. भावात्मक निबंध :
इस प्रकार के निबंध भावप्रधान होते हैं। भावुकता, कल्पना, भावात्मक दृष्टि का भावावेश में एकपक्षीय वर्णन द होता है। संवेदना, अनुभूति भावना का ही महत्व अधिक होता है। देशभक्ति, अनुशासन, करुणा, क्रोध, प्रेम आदि विषय ऐसे ही होते हैं।
Also Read