रक्षाबंधन क्यों मनाया जाता है – Raksha Bandhan Kyu Manaya Jata Hai

रक्षाबंधन क्यों मनाया जाता है – Raksha Bandhan Kyu Manaya Jata Hai

रक्षाबंधन क्यों मनाया जाता है - Raksha Bandhan Kyu Manaya Jata Hai
रक्षाबंधन क्यों मनाया जाता है – Raksha Bandhan Kyu Manaya Jata Hai

रक्षाबंधन क्यों मनाया जाता है – Raksha Bandhan Kyu Manaya Jata Hai – सावन ( श्रावण ) मास की पूर्णिमा को मनाया जाने वाला पावन पर्व रक्षाबंधन आज भाई बहन के पावन रिश्ते का प्रतीक माना जाता है। रक्षाबंधन को राखी का त्यौहार भी कहा जाता है।

रक्षाबंधन क्यों मनाया जाता है?

  • रक्षाबंधन का प्रारंभ न जाने कब से इस भारत में रहा है। पुराणों में राजा बलि का वर्णन आता है जिसके हाथ में वामन रूप भगवान विष्णु ने रक्षा सूत्र बांधकर अपने द्वारा मांगे गए दान के रूप में उसके सारे राज्य को मांग लिया था और बलि को पाताल लोक का राजा बना दिया था। 
  • रक्षाबंधन के विषय में अनेक पौराणिक, धार्मिक और ऐतिहासिक कथाएं हैं। प्राचीन काल में विजय प्राप्ति के लिए पुरोहित अपने यजमान क्षत्रिय राजा के हाथ में रक्षा सूत्र बांधते थे। पति जब युद्ध में जाता तो पत्नी पति के माथे पर तिलक करती और विजय की कामना के लिए हाथ में रक्षा सूत्र बांधती।
  • शचि ( इंद्राणी ) ने देवराज इंद्र की विजय कामना से रक्षा सूत्र बांधा था। राजपूत कन्याएं तो अपनी रक्षा के लिए किसी भी वीर राजपूत के हाथ में राखी बांधकर भाई-बहन का संबंध जोड़ लेती थी। माता भी विजय कामना से अपने पुत्र के हाथ में राखी के धागे बांधती थी।

रक्षाबंधन मनाने का ढंग

इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधकर उनकी लंबी उम्र की दुआ करती हैं। भाई भी उनकी रक्षा का वचन देते हैं। रक्षा बंधन का अर्थ है रक्षा का बंधन। राखी सुत के धागो से लेकर सोने जैसी महंगी धातु की भी बनी हो सकती है।

इस दिन घरों के बाहर राम और सीता के नाम की पर्चियां लगी होती है। घरों में इस दिन बहुत से व्यंजन बनते हैं। रक्षाबंधन के दिन लोग पेड़ों की रक्षा के लिए उन पर भी राखी बांधते हैं। बहुत सी महिलाएं राखी कुरियर भी करती हैं और कुरियर के लिए स्पेशल लिफाफे बनाए गए है। जिसमें एक से ज्यादा राखी भेजी जा सकती है।

रक्षाबंधन से क्या संदेश मिलता है

आज रक्षाबंधन का संदेश है कि सभी भारतवासी रक्षा सूत्र बांधकर एक दूसरे की रक्षा करने की प्रतिज्ञा ले। जीवन के धार्मिक संस्कारों का पालन करके अपने संस्कृति की रक्षा करें। देश की अखंडता की रक्षा करें। अपने राष्ट्र की सीमाओं की, मर्यादाओं की रक्षा करें। पारिवारिक, सामाजिक और राष्ट्रीय मूल्यों की रक्षा करें।

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