लालच बुरी बला है | Lalach Buri Bala Hai Moral Short Story in Hindi
लालच बुरी बला है | Lalach Buri Bala Hai Moral Short Story in Hindi – एक जंगल में तोतों का झुंड रहता था। सब प्रातः ही अपने घौंसलो से निकलते, दाना चुगते और शाम को मस्ती के साथ बातें करते हुए वापिस घरों में लौट आते। उनमें एक तोता लालची था और अपने मां-बाप की बात भी न सुनता था। एक बार इस तोते ने समुद्री जहाज के व्यापारियों से सुना कि समुंद्र में एक टापू पर आम का सुंदर बाग है।

तोते ने यही बात अपने मां-बाप से कहीं और वहां जाकर मीठे आम खाने की अपनी इच्छा प्रकट की। तोते के माता-पिता जानते थे कि वह टापू बहुत दूर है। अतः वहां जाकर लौटने में रात हो सकती है और उड़ने में थकान भी। अतः अपने लालची बेटे को वहां न जाने के लिए बहुत समझाया और मना भी किया किंतु लालच में वशीभूत उस तोते ने अपने माता-पिता की एक न सुनी।
तोता उस टापू के लिए उड़ चला। तोता जवान था और लोभ के कारण उत्साह भी। अतः हिम्मत करके टापू के आम के बाग में जा पहुंचा और मीठे-मीठे आम खूब खाए। साहसी था ही, लौट भी आया। अब उसका ये नित्य का क्रम बन गया किंतु तोते के माता-पिता फिर भी चिंतित रहते थे। मीठे-मीठे आम खाकर तोते का वजन बढ़ने लगा था। अब वह रात में खाने के लिए भी एक मीठा आम साथ लाने लगा था।
एक दिन उसने खूब पेट भरकर आम खाए और एक बड़ा आम चोंच में दबाकर ले चला। आम खूब खाने में आज देर भी हो गई थी। आम खाए भी अधिक थे और मुंह में एक बड़ा आम दबा हुआ था। तोता अभी आधा रास्ता पार भी नहीं कर पाया था कि सांझ दिखाई पड़ रही थी।
उधर ज्यादा आम खाने से उड़ान में थकान भी अनुभव होने लगी थी और मुंह के आम का वजन ज्यादा था। तोता बहुत प्रयास कर रहा था किंतु थकान बढ़ रही थी और हिम्मत भी जवाब दे रही थी। उधर आम लेकर घर लौटने की इच्छा भी प्रबल थी।
अंत में शरीर इतना निढ़ाल हो गया कि पंखों में उड़ने की शक्ति ही गायब होने लगी। उसने पूरी शक्ति से पंख फड़फड़ाए और बेदम होकर वह तोता समुंद्र में गिर पड़ा। सागर के थपेड़ों में फंसकर तोते ने अपने प्राण गंवा दिए। माता-पिता बेचारे बेटे के लौटने की प्रतीक्षा करते रहे, पर वह लौटकर नहीं आया।
शिक्षा :-
लालच का फल बुरा होता है।
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