नारी शिक्षा का महत्व‌ पर निबंध | Importance of Women Education Essay in Hindi

नारी शिक्षा का महत्व‌ पर निबंध | Importance of Women Education Essay in Hindi

नारी शिक्षा का महत्व‌ पर निबंध | Importance of Women Education Essay in Hindi
नारी शिक्षा का महत्व‌ पर निबंध | Importance of Women Education Essay in Hindi

नारी शिक्षा की आवश्यकता

दुनिया की प्रगति नारी शिक्षा के बल पर चरम सीमा तक पहुंच चुकी है। प्राचीन कूप-मडूकता के कारण नारी का जीवन अधिकांशतः भांति-भांति के संघर्षों में ही बीता है। शिक्षा के कारण पारिवारिक जीवन स्वर्गमय हो सकता है और उसके बाद देश, समाज और राष्ट्र की प्रगति में वह पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने में समर्थ हो सकती है।  

विश्व की प्रगति में शिक्षित नारी का योगदान

भारतीय समाज में शिक्षित माता गुरु से भी बढ़कर मानी जाती है, क्योंकि वह अपने पुत्र को सभ्य, शिष्ट और महान् बना सकती है। हमारे देश में जितने भी पुरुष हुए हैं, उनकी माताएं शिक्षित हैं। नारी शिक्षा के फलस्वरूप में भी अब सामाजिक चेतना जाग रही है। इतिहास इसका साक्षी है कि देश में नारियां का भरपूर सहयोग रहा है। 

समाज से बुराइयों को दूर करने के लिए स्त्री-शिक्षा अत्यंत आवश्यक है। क्योंकि जब लड़की शिक्षित होगी तभी वह अपने पिता तथा ससुर दोनों के घरों को शिक्षित कर सकेंगी। गार्गी, मैत्रेयी, अनुसूया, अहिल्या, सीता, द्रौपदी, रुक्मिणी, तारा, मंदोदरी, कुंती, गांधारी आदि अनेक नारियां हो चुकी हैं जिन पर भारतवासी गर्व करते हैं और उनके पावन चरित्रों को सुनते-सुनाते हुए प्रेरणा लेते हैं।

राजनीतिक क्षेत्र में नारी

आज की नारी राजनीतिक क्षेत्र में भी पुरुषों से पीछे नहीं है। वह विधानसभा, राज्य सभा तथा संसद का चुनाव लड़ती है। विधायिका तथा सांसद बनकर अपने क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करती हैं। श्रीमती सोनिया गाँधी, श्रीमती नज़मा ममता बनर्जी, श्रीमती जयललिता, श्रीमती मायावती मारग्रेट अल्वा, साध्वी उमा भारती, सुषमा स्वराज आदि अनेक महिलाएँ हैं जो राजनीतिक क्षेत्र में अपनी धाक जमाए हुए हैं। 

पुरुषों से किसी बात में कम नहीं

आज महिलाएँ सभी महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहज रूप से प्रगति कर रही हैं। प्रशासन के क्षेत्र में , चिकित्सा एवं शिक्षा के क्षेत्र में, सैनिक सेव के क्षेत्र में, विज्ञान के क्षेत्र में महिलाएँ जो तरक्की कर रही हैं उससे पता चलता है कि हमारे देश की नारियों को यदि पर्याप्त सुविधाएँ और बढ़ाकर दी जाएँ तो वे पुरुषों से आगे बढ़ सकती हैं। 

नारी शिक्षा का महत्व

भारतीय समाज में शिक्षित माता गुरु से भी बढ़कर मानी जाती है, क्योंकि वह अपने पुत्र को सभ्य, शिष्ट और महान्‌ बना सकती है। समाज से बुराइयों को दूर करने के लिए स्त्री-शिक्षा अत्यंत आवश्यक हे। क्योंकि जब लड़की शिक्षित होगी तभी वह अपने पिता तथा ससुर दोनें के घरों को शिक्षित कर सकेंगी। गार्गी, मैत्रेयी, अनुसूया, अहिल्या, सीता, द्रौपदी, रुक्मिणी, तारा, मंदोदरी, कुंती, गाँधारी आदि अनेक नारियाँ हो चुकी हैं जिन पर भारतवासी गर्व करते हैं और उनके पावन चरित्रों को सुनते-सुनाते हुए प्रेरणा लेते हैं।

Also Read

Leave a Comment