Essay on Republic Day of India in Hindi – गणतंत्र दिवस पर निबंध

Essay on Republic Day of India in Hindi – गणतंत्र दिवस पर निबंध

Essay on Republic Day of India in Hindi - गणतंत्र दिवस पर निबंध
Essay on Republic Day of India in Hindi – गणतंत्र दिवस पर निबंध

प्रस्तावना

हमारे देश में अनेक त्यौहार धार्मिकता और सामाजिकता से जुड़े हैं। किंतु कुछ त्यौहार ऐसे भी हैं जिनके साथ राष्ट्रीय जीवन का इतिहास जुड़ा है। 

ऐसे पर्वों में 15 अगस्त (स्वाधीनता दिवस) और 26 जनवरी (गणतंत्र दिवस) के उत्सव है। आज इन दोनों पर्वों का महत्व राष्ट्रीय, राजनीतिक और इतिहासक ही गया है। हमारे देश की शासन-व्यवस्था में राष्ट्रपति देश का प्रथम नागरिक है। राष्ट्रपति इस दिन देश की तीनों सेनाओं से सलामी लेता है।

गणतंत्र दिवस क्या है?

गणतंत्र दिवस की तिथि 26 जनवरी है। जिस समय देश अंग्रेजी साम्राज्य के अधीन था। 15 अगस्त 1947 को देश तो स्वाधीन हो गया था किंतु हमारी शासन-नीति तय नहीं थी। 

अर्थात हमारे स्वराज्य का क्या लक्ष्य होगा, राज्य के कौन-कौन से अंग होंगे, हमारे शासन की सर्वोच्च सत्ता का पद कौन सा होगा, तथा देश के लिए शासन के नियम कौन से होंगे, हमारे देश का संविधान क्या होगा, कार्यपालिका विधायिका और न्यायपालिका का स्वरूप क्या होगा। 

इन सभी बातों के लिए, इतने विशाल देश के लिए, शासन व्यवस्था के लिए, सबके अधिकारों और कर्तव्यों की व्याख्या करने वाला एक पवित्र संविधान चाहिए था। अतः एक संविधान निर्माता-समिति का गठन बाबासाहेबआंबेडकर के नेतृत्व में हुआ। देश के श्रेष्ठ विद्वानों ने मिलकर इस देश के शासन को चलाने के लिए सिद्धांत तथा नियम बनाएं। मूल सिद्धांतों को पवित्र संविधान की संज्ञा दी गई।

26 जनवरी 1950 से सविधान देश में लागू हुआ और उस दिन भारत पूरे संसार में  संपन्न गणराज्य घोषित हुआ। इसलिए 26 जनवरी का दिन गणतंत्र दिवस के नाम से जाना जाता है।

गणतंत्र दिवस का महत्व

गणतंत्र दिवस के दिन राष्ट्रपति सेना के तीनों अंगों की सलामी लेता है। इंडिया गेट पर देश के लिए शहीद होने वाले वीर सैनिकों की अमर ज्योति का अभिवादन होता है। राष्ट्रपति भवन से लेकर लाल किले के मैदान तक पूरा राजपथ सजाया होता है। इंडिया गेट से होती हुई सेना के तीनों अंगों की विशेष टुकड़ीया राष्ट्रपति का अभिवादन करती हुई निकलती है। जल, थल और नभ की टुकड़िया अपने अनूठे करतब दिखाती है।राष्ट्रपति को 31 तोपों की सलामी दी जाती है।

देश-विदेश के शासन प्रमुख इस अवसर पर आमंत्रित किए जाते हैं। सभी देशों से आये राजदूत अपने स्थानों पर बैठकर गणतंत्र दिवस की परेड का आनंद लेते हैं। देश के प्रत्येक राज्य से आई हुई टोलियां अपने अपने कार्यक्रम प्रस्तुत करती है। इन सब कार्यक्रमों के चलते हुए सेना के वायुयान अपने करतब करते रहते हैं। नभ सेना के करतब देखकर सभी दर्शक हैरान हो जाते हैं। इस अवसर पर भारत की सैन्य शक्ति की हल्की-फुल्कीक्षाकी मिलती है। देशवासियों का आत्मबल तथा आत्मविश्वास बढ़ता है। 

घुड़सवार, ॐटसवार, नेशनल कैडेट कोर और लोग सहायक सेना की टुकड़ियों बड़े आत्मविश्वास और गौरव के साथ निकलती है। आधुनिक अस्त्र-शास्त्र और यंत्रों का सुंदर प्रदर्शन होता है। सैनिको की धुने तो सुनते ही बनती है। दिल्ली भारतीय गणतंत्र दिवस की राजधानी ही नहीं परंतु देश का दिल भी है। दिल्ली के माध्यम से सारे देश की धड़कन धड़कती है। गणतंत्र दिवस भारत के गर्व, गौरव और स्वाभिमान का प्रकटीकरण है। इसलिए इसका महत्व सर्वाधिक है।

उपसंहार

देश के कोने-कोने से कलाकारों की टोलियां अपनी अपनी कलाओं का श्रेष्ठ प्रदर्शन करती हैं। गणतंत्र दिवस राष्ट्रीय भावना के जागरण का पर्व है। यह पर्व देश के वीरों को ज्याद करने वाला दिवस है। इस दिन भारत का गौरवशाली इतिहास देशवासियों के अनेक कर्तव्य और दायित्वो का स्मरण कराता है।

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