प्लास्टिक बैग पर निबंध | Essay on Plastic Bags in Hindi
प्लास्टिक बैग पर निबंध | Essay on Plastic Bags in Hindi – आज के इस लेख में हम प्लास्टिक बैग पर निबंध ( Essay on Plastic Bags in Hindi ) के बारे में आपको बताना चाहते हैं। अगर आप प्लास्टिक बैग पर निबंध के बारे में जानना चाहते है तो आप इस लेख को पूरा जरूर पढ़े। यहां आपको निबंध मिलेंगे जो बच्चे आसानी से याद कर सकते हैं।

Essay on Plastic Bags in Hindi?
आज का युग विज्ञान का युग है। नए अविष्कारों से हम सभी परिचित होते रहते हैं। इसके अलावा हम अनेक वस्तुओं से भी परिचित होते हैं जो हमें आश्चर्यजनक सुविधाएं देती है और हम उन्हें वरदान के रूप में स्वीकार कर लेते हैं एवं उसका प्रयोग हद से ज्यादा कर लेते हैं।
प्लास्टिक भी उन्हीं में से एक है जिस का बढ़ता प्रयोग वरदान से अभिशाप का रूप ले चुका है। यह कितना उपयोगी है, यह तो नहीं कहा जा सकता परंतु पर्यावरण को यह जिस दिशा में धकेल रहा है, उसकी चेतावनी हमें अक्सर अनुभव होती है।
प्लास्टिक का प्रयोग जब शुरू हुआ था, तब इसे बहुत उपयोगी माना था, परंतु आज इसे कूड़े-कचरे के रूप में देखकर मन अज्ञात भय और डर से भर जाता है। ऐसा महसूस होता है कि भविष्य में किसी अनहोनी के होने की तैयारी चल रही हो।
आज नगरों में वर्षा का पानी नालियों से ना होकर सड़क मार्ग से बहता है और निकासी का मार्ग ना पाकर भयंकर बाढ़ का रूप ले लेता है। यह सब कुछ हम दिल्ली मुंबई आदि नगरों में देख चुके हैं। नालियों में भरा प्लास्टिक का कचरा पानी को नालियों से बहने ही नहीं देता।
आज प्लास्टिक को अनेक प्रकार से उपयोगी मान लिया गया है। दैनिक उपयोग में यह महत्वपूर्ण वस्तु बन गया है। बर्तन हो या बैग, पुस्तकों के कवर हो या कुर्सी-मेज इसके हल्के पन और सस्ते होने की वजह से सभी देशों और घरों में अपनी जगह बना ली है। इसलिए प्लास्टिक का उत्पादन दुनिया के सभी देशों में बढ़ गया है।
हमारे जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में प्लास्टिक ने जो जगह बनाई है, उसमें प्लास्टिक बैग ( थैलियों ) का महत्वपूर्ण स्थान है। यह कहना गलत नहीं होगा कि आज पूरी दुनिया पर प्लास्टिक बैग ने अपनी छाया फैला दी है और हम सभी प्लास्टिक युग में जी रहे हैं।
आज प्लास्टिक बैग प्रत्येक घर की बहुत बड़ी आवश्यकता की वस्तु बन गई है। बैग बनाने के लिए विभिन्न प्रकार के रंगों का उपयोग किया जाता है। प्लास्टिक में अनेक रंगों के पिगमेंट मिलाकर रंग-बिरंगे बैग बनाए जाते हैं। केवल घरों में ही नहीं, कृषि और अन्य क्षेत्रों में भी प्लास्टिक बैग की भूमिका दिखाई दे रही है।
इस तथ्य से भी परिचित हैं कि जब किसी वस्तु का सीमा से अधिक प्रयोग किया जाने लगे तो वह हानिकारक सिद्ध होने लगता है। यही स्थिति प्लास्टिक और उसे बनने वाले सामान खासकर प्लास्टिक बैग की है।
यह उपयोगी होकर भी हानिकारक सिद्ध हो रहा है। प्लास्टिक बैग में प्राकृतिक रूप में खत्म होने की क्षमता नहीं होती। इससे प्रदूषण की समस्या को अधिक बल मिलता है। इससे हमारे स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है और यह दिखाई देने लगा है।
प्लास्टिक बैग से होने वाले नुकसान के विषय में कहा जा सकता है कि उत्पादन की प्रक्रियाओं से लेकर उपयोग के अनेक तरीकों तक यह प्रदूषण का प्रमुख कारण बन चुका है। जब इनकी उत्पादन प्रक्रिया शुरू होती है, उस समय इससे गैसों का निकलना शुरू हो जाता है।
इससे लोगों के स्वास्थ्य पर तो प्रभाव पड़ता ही है, पर्यावरण भी इससे बच नहीं पाता। इसके निर्माता इस तथ्य से भी परिचय होते हैं कि इन थैलियों के उत्पादन के समय कई कारकों का उपयोग होता है जिनसे कई रोग उत्पन्न होते हैं।
प्लास्टिक की थैलियों के प्रयोग के बाद लोग थैलियों को इधर-उधर फेंक देते हैं। नाले-नालियों में फसकर ये पानी के बहाव को रोकते हैं जिससे नालियों में कूड़ा सड़कर कई प्रकार के हानिकारक कीटाणुओं को जन्म देता है। थोड़ी सी वर्षा पर ही पानी सड़कों पर फैल जाता है। जिससे कई रोग फैलते हैं।
आज साधारण नागरिक भी प्लास्टिक बैग से पर्यावरण पर होने वाले दुष्प्रभाव के विषय में जान चुका हैं परंतु इसका पता होते हुए भी इसका प्रयोग कम नहीं हो रहा। इन थैलियों से होने वाली हानियों को लेकर आज सरकारें चिंतित है। परंतु क्या केवल सरकार को चिंता होने मात्र से ही हानि से छुटकारा पाया जा सकता है? शायद नहीं, क्योंकि आवश्यकता है हम सबके जागरूक हो जाने की। आइए, हम सभी अपना-अपना कर्तव्य समझकर इन प्लास्टिक बैग के प्रयोग को कम-से-कम करने की दिशा की ओर बढ़े।
उम्मीद करता हूँ दोस्तों आपकों प्लास्टिक बैग पर निबंध । Essay on Plastic Bags in Hindi का यह लेख पसंद आया होगा। अगर आपकों यह निबंध अच्छा लगा हो तो अपने दोस्तों के साथ शेयर करना न भूलें।
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