महंगाई की समस्या पर निबंध | Essay on Inflation in Hindi

प्रस्तावना
महंगाई वास्तव में भारत की अन्य समस्याओं की तुलना में जनता की कमर तोड़ने वाली सर्वाधिक बड़ी समस्या है। यह एक दानव के समान है जो, सबको प्रताड़ित करते हुए दिखाई देता है। लोग त्राहि-त्राहि कर रहे हैं। इस महंगाई ने संपूर्ण समाज के ढांचे को जर्जर बनाकर रख दिया है।
महंगाई के परिणाम
बढ़ती महंगाई ने हमारे जीवन को नरक बनाकर रख दिया है। महंगाई के कारण दैनिक व्यवहार की वस्तुओं के दाम इतने अधिक बढ़ गए हैं कि आदमी की शक्ति उन्हीं को जुटाने में चुक रही है। फलस्वरूप परिवारों में हर समय असंतोष बना रहता है। घर परिवार,स्नेह के बंधन, रिश्ते नाते इस महंगाई की मार के कारण ही टूटकर बिखर रहे हैं।
बच्चों के पेट पालने के लिए व्यक्ति भ्रष्ट साधनों के चुंगल में फस जाता है तथा रिश्वत लेना व अन्य नियम विरुद्ध कर्म करने लग जाता है। पेट की ज्वाला से प्रेरित होकर वह चोरी, डकैती, लूटमार आदि असामाजिक कार्यों में संलग्न हो जाता है।
महंगाई के कारण
महंगाई के कई कारण है किंतु इसका मुख्य कारण है उत्पादन में कमी। जनसंख्या की रफ़्तार जिस ढंग से बढ़ रही है, उसी हिसाब से उत्पादन नहीं बढ़ रहा है। व्यापारियों द्वारा जमाखोरी और मुनाफाखोरी भी महंगाई का बड़ा कारण है। काला धन भी महंगाई बढ़ाता है। राजनेताओं की सिद्धांतहीनता और संकल्पहीनता तथा ऊंचे स्तर पर फैला भ्रष्टाचार भी महंगाई बढ़ने का एक बहुत बड़ा कारण है।
अपने देश की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर पश्चिमी अर्थशास्त्रियों की नकल पर भारी-भरकम योजनाएं बनाई गईं। जिनके लिए आर्थिक साधन जुटाने के लिए घाटे की अर्थव्यवस्था अपनाई गई, जिसने मुद्रा-स्फीति को जन्म दिया। इन गलत नीतियों के फलस्वरूप महंगाई बढ़ी है।
महंगाई रोकने के उपाय
महंगाई के जाल से छुटकारा पाने के लिए सबसे पहले राष्ट्रीय स्तर पर दृढ़ संकल्प और इच्छाशक्ति की आवश्यकता है। इसी प्रकार निरंतर बढ़ रही जनसंख्या पर कुछ अंकुश लगाने के लिए हमें परिवार नियोजन पर बल देना होगा। इसके साथ ही वस्तुओं के मूल्य में कमी व स्थिरता लाने के लिए उत्पादन बढ़ाना होगा।
संग्रह की वृत्ति को त्यागना होगा। सरकार को जमाखोरी और मुनाफाखोर व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करनी होगी तथा कानून के विरुद्ध चलने पर उन्हें दंडित भी करना होगा। महंगाई रोकने में सरकार को भी प्रशासनिक कदम उठाने होंगे तथा शासनिक और प्रशासनिक खर्च घटाने होंगे।
उपसंहार
महंगाई की समस्या के समाधान के लिए सरकारी तंत्र पर निर्भर रहना पर्याप्त नहीं होगा। इसके लिए हर देशभक्त नागरिक का कर्तव्य हो जाता है कि वे अपनी इच्छाओं और स्वार्थों पर अंकुश रखे और भावात्मक एकता को उजागर कर देश में निर्मित वस्तुओं का प्रयोग करें। देश में उत्पादन बढ़ाकर देश को संपन्न व सुखी बनाएं। ऐसा होने पर ही कमरतोड़ महंगाई से मुक्ति मिल सकेगी।
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