शिक्षा पर कोरोना वायरस का प्रभाव निबंध | Essay on Impact of Coronavirus on Education in Hindi
शिक्षा पर कोरोना वायरस का प्रभाव निबंध | Essay on Impact of Coronavirus on Education in Hindi : आज के इस लेख में हम शिक्षा पर कोरोना वायरस का प्रभाव पर निबंध कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 विद्यार्थियों के लिए लिखा गया है। यहां आपको निबंध मिलेगा जो बच्चे आसानी से याद कर सकते हैं।

शिक्षा का वास्तविक अर्थ है – सीख। यह शिक्षा न जाने कैसे परिवर्तित होती चली गई और अपने मूलरूप से पूरी तरह बदल गई शिक्षा। शिक्षा अब धन से जुड़ गई अर्थात शिक्षा का उद्देश्य ‘ धन अर्जित ‘ करना हो गया। नैतिकता से शिक्षा का कोई नाता न रहा। शिक्षा प्रोफेशनलिज्म से जुड़ गई।
ये जीवन की भाग-दौड़ चल ही रही थी कि कोरोना महामारी से अचानक सब रुक गया, थम गया। स्कूल, कॉलेज बंद, पार्क, रेस्टोरेंट, होटल सब का शटर डाउन हो गया। बस, रेल, हवाई जहाज, टैक्सी सब बंद। बंद हो गया मनुष्य घर की चारदीवारी में।
फिर जब लगा कि घर बैठे-बैठे बैठे सब कुछ ज्यादा ही हो गया तो फिर से नए-नए तरीके से काम शुरू करने का जुगाड़ शुरू हुआ। जिन स्कूल और कॉलेज के कैंपस में ‘ मोबाइल निषेध ‘ के बोर्ड लगे थे वो मोबाइल पर ही कॉलेज खोल बैठे।
पूरी दुनिया इंटरनेट से मोबाइल के बीच सिमट गई। जूम, गूगल क्लासरूम पर पढ़ाई शुरू हुई। बच्चे घंटों मोबाइल व लैपटॉप के आगे बैठे रहते। परीक्षाएं कई जगह ऑनलाइन करवाई गई या तो कई जगह विद्यार्थियों को आगे की कक्षा में प्रमोट किया गया।
10वीं और बारहवीं की परीक्षा कोरोना के चलते हुए स्थगित कर दी गई। यह दोनों कक्षाएं विद्यार्थी जीवन में बहुत महत्वपूर्ण होती है। इन दोनों कक्षाओं पर ही विद्यार्थियों का भविष्य और उनका करियर निर्भर होता है। क्योंकि यही कक्षाएं तय करती है कि आगे चलकर विद्यार्थी किस करियर को चुनेगा।
सबसे अच्छी बात है यही है कि इतने सालों में पहली बार इतने समय सब घर पर साथ रहे। परीक्षा से ज्यादा शिक्षा महत्वपूर्ण है। शिक्षा वह भी नैतिकता की। जो किसी वास्तविक या वर्चुअल क्लास रूम में नहीं दी जा सकती।
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