दीपावली (Deepawali) क्यों मनाया जाता है निबंध : Diwali Kyu Manaya Jata Hai in Hindi
दीपावली (Deepawali) क्यों मनाया जाता है निबंध : Diwali Kyu Manaya Jata Hai in Hindi – तो आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताएंगे कि दीपावली (Deepawali) क्यों मनाई जाती है? अगर आप भी इस बारे में जानना चाहते है, तो आप सभी बने रहे हमारे साथ इस आर्टिकल के अंत तक!

दीपावली | Deepawali?
दीपावली, जिसे दिवाली भी कहा जाता है, भारत का एक प्रमुख हिंदू त्योहार है जो हर साल कार्तिक महीने की अमावस्या को मनाया जाता है। यह भारत के सबसे बड़े और सर्वाधिक महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। आध्यात्मिक रूप से, यह ‘अन्धकार पर प्रकाश की विजय’ को दर्शाता है।
दीपावली का त्योहार पांच दिनों तक चलता है, और प्रत्येक दिन का अपना विशेष महत्व है।
- धनतेरस: धनतेरस का त्योहार दीपावली से एक दिन पहले मनाया जाता है। इस दिन लोग नए बर्तन, बर्तन और अन्य सामान खरीदते हैं। यह धन और समृद्धि का प्रतीक है।
- दीपावली: दीपावली का त्योहार कार्तिक महीने की अमावस्या को मनाया जाता है। इस दिन लोग अपने घरों को दीयों और मोमबत्तियों से सजाते हैं। यह अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है। इस दिन लोग देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं, जो धन और समृद्धि की देवी हैं।
- गोवर्धन पूजा: गोवर्धन पूजा दीपावली के दूसरे दिन मनाई जाती है। इस दिन लोग भगवान कृष्ण की पूजा करते हैं, जिन्होंने इंद्र देव को हराया था, जिन्होंने बारिश के देवता थे।
- भैया दूज: भैया दूज दीपावली के तीसरे दिन मनाई जाती है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करती हैं।
- छठ पूजा: छठ पूजा दीपावली के चौथे दिन मनाई जाती है। यह सूर्य देव की पूजा का त्योहार है।
दीपावली के त्योहार पर, लोग अपने घरों को साफ करते हैं, नए कपड़े पहनते हैं, और अपने परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताते हैं। यह एक समय है जब लोग एक-दूसरे को उपहार देते हैं और मिठाई खाते हैं।
दीपावली का त्योहार भारत के बाहर भी मनाया जाता है, जहां भारत के प्रवासी रहते हैं। यह दुनिया भर के लोगों के बीच संस्कृति और सद्भाव को बढ़ावा देने वाला एक महत्वपूर्ण त्योहार है।
दीपावली के त्योहार की कुछ विशेषताओं में शामिल हैं:
- दीपक जलाना: दीपावली के त्योहार पर, लोग अपने घरों, दुकानों और सड़कों को दीयों, मोमबत्तियों और आतिशबाजी से सजाते हैं। यह प्रकाश और खुशी का प्रतीक है।
- घर की सजावट: दीपावली के त्योहार पर, लोग अपने घरों को रंगोली, फूलों और अन्य सजावटों से सजाते हैं। यह सद्भाव और समृद्धि का प्रतीक है।
- खरीदारी: दीपावली के त्योहार पर, लोग नए कपड़े, उपहार और अन्य सामान खरीदते हैं। यह नए साल की शुरुआत का प्रतीक है।
- पूजा: दीपावली के त्योहार पर, लोग देवी लक्ष्मी, भगवान कृष्ण और अन्य हिंदू देवताओं की पूजा करते हैं। यह समृद्धि, खुशी और आशीर्वाद के लिए प्रार्थना का प्रतीक है।
- खाने-पीने: दीपावली के त्योहार पर, लोग मिठाई, व्यंजन और अन्य स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद लेते हैं। यह आनंद और उत्सव का प्रतीक है।
दीपावली का त्योहार एक ऐसा समय है जब लोग एक-दूसरे के साथ खुशियां बांटते हैं और नए साल की शुरुआत करते हैं। यह एक समय है जब लोग अपने जीवन में धन, खुशी और समृद्धि के लिए प्रार्थना करते हैं।
दीपावली का इतिहास | Deepawali Ka Itihas?
दीपावली का इतिहास बहुत पुराना है। माना जाता है कि यह त्योहार सिंधु घाटी सभ्यता के समय से मनाया जा रहा है। सिंधु घाटी सभ्यता के अवशेषों में मिट्टी के दीपक मिले हैं, जो दीपावली के त्योहार का संकेत देते हैं।
दीपावली का त्योहार हिंदू धर्म के विभिन्न कथाओं से जुड़ा हुआ है। सबसे प्रसिद्ध कथा यह है कि भगवान राम 14 वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे। अयोध्यावासियों ने उनके स्वागत में दीपक जलाए थे। इसी खुशी में यह त्योहार मनाया जाने लगा।
दीपावली का त्योहार भारत के अन्य धर्मों में भी मनाया जाता है। जैन धर्म में, दीपावली का त्योहार भगवान महावीर के निर्वाण की याद में मनाया जाता है। सिख धर्म में, दीपावली का त्योहार गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व के रूप में मनाया जाता है।
दीपावली का त्योहार भारत के बाहर भी मनाया जाता है। दुनिया भर में रहने वाले भारतीय दीपावली का त्योहार अपने परिवार और दोस्तों के साथ मनाते हैं। यह त्योहार भारत की संस्कृति और विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
दीपावली का इतिहास के कुछ महत्वपूर्ण तथ्य इस प्रकार हैं:
- सिंधु घाटी सभ्यता के अवशेषों में मिट्टी के दीपक मिले हैं, जो दीपावली के त्योहार का संकेत देते हैं।
- हिंदू धर्म के विभिन्न कथाओं से दीपावली का त्योहार जुड़ा हुआ है।
- जैन धर्म में, दीपावली का त्योहार भगवान महावीर के निर्वाण की याद में मनाया जाता है।
- सिख धर्म में, दीपावली का त्योहार गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व के रूप में मनाया जाता है।
- दीपावली का त्योहार भारत के बाहर भी मनाया जाता है।
दीपावली का महत्व | Deepawali Ka Mahatav?
दीपावली का महत्व कई तरह से है। यह एक धार्मिक त्योहार है, जो अंधकार पर प्रकाश की विजय, बुराई पर अच्छाई की विजय और नए साल की शुरुआत का प्रतीक है। यह एक सामाजिक त्योहार भी है, जो लोगों के बीच प्रेम, सौहार्द और सद्भाव को बढ़ावा देता है।
दीपावली के धार्मिक महत्व के बारे में कई कहानियां और मान्यताएं हैं। एक कहानी के अनुसार, दीपावली का त्योहार भगवान राम के 14 वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। जब भगवान राम, सीता और लक्ष्मण वनवास से अयोध्या लौटे, तो अयोध्या के लोगों ने उनकी खुशी में दीपक जलाए। तब से, दीपावली का त्योहार अंधकार पर प्रकाश की विजय के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है।
एक अन्य कहानी के अनुसार, दीपावली का त्योहार भगवान कृष्ण के जन्म के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। भगवान कृष्ण ने एक राक्षस, नरकासुर को मारकर अपनी प्रजा को उसके अत्याचार से मुक्त कराया था। जब भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था, तो उनकी मां, देवकी, ने उन्हें एक सुरक्षित स्थान पर छिपाकर रखा था। जब नरकासुर को इस बात का पता चला, तो उसने देवकी और वसुदेव को मारने की कोशिश की। लेकिन, भगवान कृष्ण ने नरकासुर को मारकर अपनी प्रजा को उसके अत्याचार से मुक्त कराया। तब से, दीपावली का त्योहार भगवान कृष्ण के जन्म के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।
दीपावली का सामाजिक महत्व भी बहुत महत्वपूर्ण है। यह एक ऐसा समय है जब लोग एक-दूसरे के साथ खुशियां बांटते हैं और नए साल की शुरुआत करते हैं। यह एक समय है जब लोग अपने जीवन में धन, खुशी और समृद्धि के लिए प्रार्थना करते हैं।
दीपावली के त्योहार के कुछ प्रमुख पहलू इस प्रकार हैं:
- दीपक जलाना: दीपावली के त्योहार पर, लोग अपने घरों, दुकानों और सड़कों को दीयों, मोमबत्तियों और आतिशबाजी से सजाते हैं। यह प्रकाश और खुशी का प्रतीक है।
- घर की सजावट: दीपावली के त्योहार पर, लोग अपने घरों को रंगोली, फूलों और अन्य सजावटों से सजाते हैं। यह सद्भाव और समृद्धि का प्रतीक है।
- खरीदारी: दीपावली के त्योहार पर, लोग नए कपड़े, उपहार और अन्य सामान खरीदते हैं। यह नए साल की शुरुआत का प्रतीक है।
- पूजा: दीपावली के त्योहार पर, लोग देवी लक्ष्मी, भगवान कृष्ण और अन्य हिंदू देवताओं की पूजा करते हैं। यह समृद्धि, खुशी और आशीर्वाद के लिए प्रार्थना का प्रतीक है।
- खाने-पीने: दीपावली के त्योहार पर, लोग मिठाई, व्यंजन और अन्य स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद लेते हैं। यह आनंद और उत्सव का प्रतीक है।
दीपावली का त्योहार भारत की समृद्ध संस्कृति और विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह एक ऐसा त्योहार है जो लोगों को एक साथ लाता है और उन्हें जीवन की खुशियों को मनाने के लिए प्रोत्साहित करता है।
दीपावली की परम्परा | Deepawali Ki Parampara?
दीपावली भारत का एक प्रमुख हिंदू त्योहार है जो हर साल कार्तिक महीने की अमावस्या को मनाया जाता है। यह भारत के सबसे बड़े और सर्वाधिक महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। आध्यात्मिक रूप से, यह ‘अन्धकार पर प्रकाश की विजय’ को दर्शाता है।
दीपावली का त्योहार पांच दिनों तक चलता है, और प्रत्येक दिन का अपना विशेष महत्व है।
- धनतेरस: धनतेरस का त्योहार दीपावली से एक दिन पहले मनाया जाता है। इस दिन लोग नए बर्तन, बर्तन और अन्य सामान खरीदते हैं। यह धन और समृद्धि का प्रतीक है।
- दीपावली: दीपावली का त्योहार कार्तिक महीने की अमावस्या को मनाया जाता है। इस दिन लोग अपने घरों को दीयों और मोमबत्तियों से सजाते हैं। यह अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है। इस दिन लोग देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं, जो धन और समृद्धि की देवी हैं।
- गोवर्धन पूजा: गोवर्धन पूजा दीपावली के दूसरे दिन मनाई जाती है। इस दिन लोग भगवान कृष्ण की पूजा करते हैं, जिन्होंने इंद्र देव को हराया था, जिन्होंने बारिश के देवता थे।
- भैया दूज: भैया दूज दीपावली के तीसरे दिन मनाई जाती है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करती हैं।
- छठ पूजा: छठ पूजा दीपावली के चौथे दिन मनाई जाती है। यह सूर्य देव की पूजा का त्योहार है।
दीपावली के त्योहार पर, लोग अपने घरों को साफ करते हैं, नए कपड़े पहनते हैं, और अपने परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताते हैं। यह एक समय है जब लोग एक-दूसरे को उपहार देते हैं और मिठाई खाते हैं।
दीपावली का त्योहार भारत के बाहर भी मनाया जाता है, जहां भारत के प्रवासी रहते हैं। यह दुनिया भर के लोगों के बीच संस्कृति और सद्भाव को बढ़ावा देने वाला एक महत्वपूर्ण त्योहार है।
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